5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT HINDI KAHANIYAN EXPLAINED

5 Simple Statements About hindi kahaniyan Explained

5 Simple Statements About hindi kahaniyan Explained

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हिन्दी कहानी

यह क्या है? वह बोली—झलमला। मैंने फिर पूछा—इससे क्या होगा? उसने उत्तर दिया—नहीं जानते हो वाबू, आज तुम्हारी पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी

दिल को छू जाने वाली एक माँ के ममता की कहानी

' श्यामा द्विजेंद्रनाथ मिश्र 'निर्गुण'

विघटन इत्यादि का वर्णन विस्तार से हुआ है। निर्मल वर्मा के पराये शहर में' 'अन्तर' 'परिन्दे', 'लवर्स', 'लन्दन की रात', मोहन राकेश की 'वासना की छाया', 'काला रोजगार', मिस्टर भाटिया 'मलवे का मालिक', राजेन्द्र यादव

यह आधुनिकता मात्र नगरों और कस्बों तक ही सीमित नहीं है अपितु इस धीरे-धीरे

कहानी के जोबन का उभार और बोल-चाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था। उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुँवर उदैभान करके पुकारते थे। सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक सोत आ मिली थी। उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो इंशा अल्ला ख़ाँ

क्रोध और वेदना के कारण उसकी वाणी में गहरी तलख़ी आ गई थी और वह बात-बात में चिनचिना उठता था। यदि उस समय गोपी न आ जाता, तो संभव था कि वह किसी बच्चे को पीट कर अपने दिल का ग़ुबार निकालता। गोपी ने आ कर दूर से ही पुकारा—'साहब सलाम भाई रहमान। कहो क्या बना रहे विष्णु प्रभाकर

भाववादी मनोवैज्ञानिक परम्परा से। इसलिए इन्हें इतिहासकारों ने प्रगतिवादी और

के व्यक्तियों की मनोवृत्ति और उपेक्षित जन जीवन का चित्रण करने वाली कहानियोंमें

व्यक्ति की मानसिक गुत्थियों, सामाजिक परिवेश, के दबाब और प्रतिबद्धता के कारण होने वाली वैयक्तिक

कुछ साहित्यधर्मी हिन्दी कहानी का उद्भव स्रोत्र गुणाढ्य की वृहद कथा, कथा सरित सागर, पंचतंत्र कथाएँ, हिंतोपदेश जातक

मानवतावाद को एक नया प्रकाश दिया, प्रेमचन्द ने जहाँ अपनी कहानियों के माध्यम से समाज में

लड़ती भेंड़े और सियार : पंचतंत्र की कहानी 

किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे

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